Difference Between in Digital Marketing and Traditional Marketing In Hindi

मार्केटिंग ट्रडिशनल हो या डिजिटल किसी भी व्यापार के लिए बहुत जरूरी हैं । मार्केटिंग का एक ही मकसद होता हैं । कंपनी की Brand Image, Revenue और Profit कमाना होता हैं । जब भी कोई वस्तु बाजार मे आती हैं तो कंपनी पहले उस Product की सारी जानकारी हासिल करती हैं । उसके बाद उसको सही Time और Place पर launch करती हैं । Time और place दोनों मार्केटिंग के लिए बराबर महत्वपूर्ण होता है फिर वो ट्रडिशनल मार्केटिंग हो या डिजिटल मार्केटिंग ।

आज Digital Shimla आपके लिए पुराने जमाने मे होने वाली मार्केटिंग और अब नए जमाने के डिजिटल मार्केटिंग की जानकारी लेकर आया हैं । डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे क्या अंतर हैं । डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग के फायदे क्या हैं । आजकल हमारे लिए कौन सा तरीका सही है और कौन सा तरीका हमारे पैसे बचाने मे मदद कर सकता हैं । डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग को समझने के लिए हम पहले दोनों की परिभाषा हमारे लिए महतवपूर्ण है ताकि हमे आगे होने वाले अंतर समझ मे आ सके।

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डिजिटल मार्केटिंग क्या हैं ।? (What is Digital Marketing)

अपनी वस्तुएं और सेवाओं की डिजिटल तरीकों से मार्केटिंग करने की प्रतिक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग   कहते हैं । डिजिटल मार्केटिंग internet के माध्यम से की जाती हैं । Internet, computer, mobile phone, laptop, website advertisements या किसी और applications के माध्यम से हम इसे रोज मररा के कामों के लिए जुड़े रहते हैं । उदारण के तौर पर ऑफिस जाने के लिए application से कोई taxi बुक करनाI 

1980 के दशक में सबसे पहले कुछ प्रयास किये गये डिजिटल मार्किट को स्थापित करने में परंतु यह सम्भव नही हो पाया। 1990 के दशक मे आखिर मे इसका नाम और उपयोग शुरु हुआ। डिजिटल मार्केटिंग नये ग्राहकों तक पहुंचने का सरल तरीका हैं । यह अलग-अलग गतिविधियों को पूरा करता हैं । इसे डिजिटल मार्केटिंग और online marketing  भी कहा जा सकता हैं । कम समय में अधिक लोगों तक पहुंच कर अपना विज्ञापन करना डिजिटल मार्केटिंग हैं । Digital Shimla का यह मानना हैं की हम सभी को डिजिटल मार्केटिंग सीखनी चाहिए और आय के नए-नए साधन निकालने चाहिएI यह industry को विकसित करने वाला एक बड़ा क्षेत्र हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग से product अपने customer तक पहुंचने के साथ-साथ उनकी गतिविधियों व उनकी आवश्यकताओं की भी समझ रख सकता हैं । ग्राहकों का interest किस तरफ हैं । customer  क्या चाह रहा हैं ।, इन सभी पर चर्चा डिजिटल मार्केटिंग से की जा सकती हैं । आसान  भाषा में कहें तो डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसी डिजिटल तकनीक हैं । जो customer तक पहुंचने का एक तरीका हैं । Digital Marketing के सारी जानकारी के लिए आप मेरा ये Blog पढ़ सकते हैं ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग क्या हैं । (What Is Traditional Marketing In Hindi)

ट्रेडिशनल मार्केटिंग जैसा की हम नाम से ही समझ सकते है की ट्रेडिशनल मतलब सालों साल पुराना । ट्रेडिशनल मार्केटिंग, मार्केटिंग का पुराना तरीका हैं । जिसे हम हिन्दी में पारम्परिक मार्केटिंग या परम्परागत मार्केटिंग भी कहते हैं । ट्रेडिशनल मार्केटिंग पुराने जमाने मे की जाने वाली मार्केटिंग हैं । जैसे टीवी विज्ञापन, रेडियो विज्ञापन, न्यूज़ पेपर विज्ञापन, होल्डिंग और प्रिंट पोस्टर आदि । 1990 मे जब Landline Phone और टीवी भी हर घर नहीं लगवा सकते थे, उस समय मे सब अखबार पड़ना पसंद करते थे और ये एक सस्ता तरीका था लोगों तक अपनी बात पहुचाने का ।

उस समय अखबार की कीमत भी मात्र 1 रुपये से भी कम की थी । उस समय ट्रेडिशनल मार्केटिंग का सबसे ज़्यादा चलन था क्योंकि उस समय यह आजकल की तरह Facebook ads और Google ads नहीं होती थी । सिर्फ ट्रेडिशनल मार्केटिंग होती थी । Sales Person जगह जगह पर जा कर Door to Door मार्केटिंग करते थे । कंपनी का कोई भी Product हो Sales Person अपने Bag मे ले जाकर कर उसका प्रचार करते थे । फिर चाहे वो Door to Door Marketing हो या फिर किसी Distributor को अपने Product की और कंपनी की खासियत बताना । सारा कुछ Sales Person पर Depend करता था और Sales Person की आमंदनी भी और लोगों से ज़्यादा होती थी । कंपनी उनको ज़्यादा सुविधाए भी देती थी । अब मार्केटिंग मे बहुत बदलाव आ गए है । अब ट्रेडिशनल मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग में परिवर्तित हो चूका है ट्रेडिशनल मार्केटिंग Version One था और आज डिजिटल मार्केटिंग अपडेटेड वर्जन मे डिजिटल मार्केटिंग का नाम ले चुका हैं।

डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग में अंतर। (Difference Between in Digital Marketing and Traditional Marketing In Hindi)

डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)

हम डिजिटल मार्केटिंग को घर पर रह कर भी कर सकते हैं । डिजिटल मार्केटिंग, मार्केटिंग का नया तरीका है अपने Product को घर घर पहुचाने का ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हमारे पास Google ads ओर Facebook ads उपलब्ध हैं । जिसकी सहायता से हम कम से कम 100 रूपए में भी अपना विज्ञापन ऑनलाइन इंटरनेट पर दे सकते हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग में आप अपना Brand Name जल्दी बना सकते हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हम बहुत कम समय ज़्यादा लोगों तक पहुच सकते हैं । इसके लिए हमे ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती । हमारे पास बस इंटरनेट का Access होना चाहिए । यह सब हम घर बैठे – बैठे भी कर सकते हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हम सारी दुनिया को अपना ऑडियंस और Customer बना सकते हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हमारे पास Customer Base बड़ा होता हैं । बस हमारे Product मे दम होना चाहिए और Market मे Demand भी होनी चाहिए ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हमे ऐसे बहुत से स्त्रोत मिल जाते हैं । जो हमे Customer की Need की जानकारी देते है की हमारा Local Customer क्या Search कर रहा हैं । हम Customer की Need को समझ कर उसके लिए प्रोडक्ट बना सकते हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हमें ज़्यादा निवेश नहीं करना पड़ता हैं । हम सिर्फ लैपटॉप, कंप्यूटर और इनेटनेट की सहायता से सारा काम कर सकते हैं । दुनिया मे अपनी जगह बना सकते हैं । हमे कौन देख रहा है, कौन से देश से देख रहा है और कौन से Product मे रुचि ले रहा हैं । सब हम चेक कर सकते हैं । इंटरनेट पर अलग-अलग टूल उपलब्ध हैं । जिसकी की मदद से हम Analysis कर सकते हैं । डिजिटल मार्केटिंग मे हमे ज़्यादा लोगों की आवश्यकता नहीं होती हैं ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग (Traditional Marketing)

ट्रेडिशनल मार्केटिंग सालों साल पुराना तरीका है अपने Product को लोगों तक पहुचाने का ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे हम सिर्फ लोकल मार्केटिंग ही कर सकते है और इसके लिए हमे कंपनी मे सिर्फ लोकल Sales Person को रखना पड़ता हैं । जो कंपनी के Products को मार्केट मे सही Customer तक पहुचा सके ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग में Brand Name कंपनी की पहचान बनाने मे बहुत समय लगता था और हम दुनिया मे प्रचार नहीं कर सकते है ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग की सीमित ऑडियंस (लोग) होती हैं । हम सिर्फ लोकल कस्टमर को ही टारगेट कर सकते हैं । किसी और देश के Customer तक पहुचना मुश्किल होता हैं ।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग के सीमित साधन होते हैं । कौन सा कस्टमर कहा से आ रहा है इसका पता नहीं लगा सकते है । Analysis करना मुश्किल होता है।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे आपका Travel बड़ जाता है और शारीरिक मेहनत ज़्यादा लगती हैं । अलग -अलग जगह पर जाना अलग -अलग लोगो से मिलना पड़ सकता हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग के मुख्य तरीके (Types of Digital Marketing)

(1) सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO)

SEO का मतलब होता हैं । अपनी वेबसाइट को SEO की Guidelines मे रह कर अपने कंटेन्ट को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना ताकि जब कोई अपनी need को सर्च करे तो रिजल्ट में आपकी website का नाम टॉप पर रैंक करें । इसका मुख्य उद्देश्य ऑर्गेनिक ट्रैफिक को बढ़ावा देना होता हैं ।

(2) सोशल मीडिया (Social Media)

सोशल मीडिया बहुत सारे वेबसाइट Platform से मिलकर बना होता हैं । जैसे Facebook, YouTube Twitter, Instagram, LinkedIn इत्यादि। सोशल मीडिया से कोई भी व्यक्ति अपने विचारो को लाखों लोगों के सामने रख सकता हैं । हम सब सोशल मीडिया के बारे में जानते हैं । जब हम सोशल मीडिया साइट देखते हैं तो इस पर कुछ-कुछ समय पर हमे विज्ञापन दिखते हैं यह Ads के लिये काफी फायदेमंद साबित हो रहा हैं ।

(3) ई-मेल मार्केटिंग (Email Marketing)

आजकल हम कोई भी information को सांझा करने के लिए ई-मेल का इस्तेमाल करते हैं । ई-मेल से हम किसी भी कंपनी के products को ई-मेल के द्वारा पहुंचाना ई-मेल मार्केटिंग कहलाता हैं । ईमेल मार्केटिंग हर कंपनी के लिये जरूरी हो गए हैं क्योकी कंपनी समय-समय पर नये प्रस्ताव और कुछ मुफ़्त प्रलोभन ग्राहको को देती हैं जिससे उनका पुराना customer वापिस आकार कोई ना कोई प्रोडक्ट खरीद ही लेता हैं । इसके लिए ईमेल मार्केटिंग एक सही तकनीक हैं ।

(4) यूट्यूब चेनल (YouTube Channel)

यूट्यूब चेनल सोशल मीडिया का एक ऐसा साधन हैं । जिसमे हम कोई भी जानकारी सांझा कर सकते हैं । उससे किसी भी व्यक्ति की समस्या का समाधान कर सकते हैं । आजकल लोग पढ़ना नहीं बल्कि देखना पसंद करते हैं क्युकी सब visualization मे ज़्यादा विश्वास करते हैं । लोग इस पर अपनी भावना भी व्यक्त कर सकते हैं । यूट्यूब चेनल बहुत से लोगो का आय का साधन भी बन गया हैं । यहा पर बहुत से users/viewers दोनों उपलब्ध रह्ते हैं ।

(5) अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing)

डिजिटल मार्केटिंग मे हम किसी और के Products का विज्ञापन अपनी वेबसाइट, ब्लोग या लिंक के माध्यम से कर सकते हैं । अगर कोई आपके लिंक से कोई भी product खरीदता हैं । तो जिस कंपनी का आप विज्ञापन कर रहे हैं । वो आपको कुछ direct commission देती हैं जो 5% से लेकर 50% तक का भी हो सकता हैं । ये % कंपनी तय करती हैं । यह मार्केटिंग Strategy आपका एक अच्छी आय का साधन बन सकता हैं । इसे ही अफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता हैं ।

(6) पे पर क्लिक मार्केटिंग (Pay Per Click Marketing)

आप सब ने ऐसे बहुत से विज्ञापनो को Facebook और YouTube पर देखा होगा कुछ समय के बाद ads देखने को मिलती हैं । ये सारी ads paid होती हैं । इनके लिए आपको भुगतान करना पड़ता हैं । उसे ही पे पर क्लिक मार्केटिंग और ऐडवर्टीजमेंट कहा जाता हैं । जैसा की आप नाम से ही समझ सकते हैं की pay per click इस पर क्लिक करते ही पैसे कटते हैं जिसने यह ads लगवाया हैं । यह हर प्रकार के विज्ञापन के लिये हैं । आप कोई भी video देख रहे हो बीच में आपको विज्ञापन आते रह्ते हैं । यह भी डिजिटल मार्केटिंग का एक हिसा हैं ।

(7) एप्स मार्केटिंग (Apps Marketing)

आजकल 90% लोग सब android फोन का इस्तेमाल करते हैं । हम सब कोई ना कोई application का use करते हैं । जैसे payment करने के लिए google pay, खाना order करने के लिए Zomato, swiggy और entertainment के लिए YouTube और शॉपिंग के लिए amazon बहुत सी ऐसी application Google play Store पर उपलब्ध हैं । कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता हैं । बस आपके पास इंटरनेट का एक्सेस होना चाहिए। बड़ी-बड़ी कंपनी अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती हैं । एप्स पर अपने उत्पाद का प्रचार करने को ऐप्स मार्केटिंग कहते हैं।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग के मुख्य तरीके (Types of Traditional Marketing)

(1) रेफरल मार्केटिंग (Referral Marketing)

रेफरल मार्केटिंग ये एक ऐसी मार्केटिंग होती हैं । जहा पर Sales person Distributor को trust दिलाता हैं । की जो product वो ले रहा है वो सही है इसे हम word of mouth भी कह सकते हैं । जो उत्पादों या सेवाओं से संबंधित जानकारी देने के लिए ग्राहकों पर निर्भर करता हैं ।

 (2) प्रिंट मीडिया (Print Media)

ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे जब हमे घर घर तक कोई संदेश पहुचना होता हैं । तो हम प्रिन्ट मीडिया का सहारा लेते हैं । इसमें समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पोस्टर, पैम्फलेट आदि शामिल हैं । इस प्रकार के प्रिंट मीडिया विज्ञापन से ही पैसे कमाते हैं ।

(3) प्रसारण (Broadcasting)

पहले के समय मे हम ads को टीवी पर देखते और रेडियो पर सुनते थे । जो हमे मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान, सूचना, समाचार की सारी जानकारी प्रदान करता हैं । ये सब आजकल भी संभव हैं । अब इसका इतना असर देखने को नहीं मिलता है । अब ये सब Customer YouTube or Facebook पर जाने लगा हैं ।

 (4) Door to Door मार्केटिंग

पहले door door मार्केटिंग होती थी । कंपनी ऐसे कर्मचारी को अपनी कंपनी मे सैलरी देते थे और वो कंपनी के लिए door to door मार्केटिंग करते थे । जो डिजिटल मार्केटिंग मे ना के बराबर होता हैं । जिसे हम वन to वन मार्केटिंग भी कहते है जिसमे प्रमोशन calls और sms जैसे प्रकिया शामिल होती है । ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे जगह जगह बड़ी बड़ी hooding लगे होते हैं । जो ट्रेडिशनल मार्केटिंग का हिस्सा होता है ।

डिजिटल मार्केटिंग अथवा ट्रेडिशनल मार्केटिंग बेहतर है । (Is Digital Marketing is better then Traditional Marketing)

Digital Shimla ने ट्रेडिशनल मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग का अन्तर आपको ऊपर दी गई जानकारी मे बताया है । जहाँ ट्रेडिशनल मार्केटिंग में ट्रेडिशनल मीडिया जैसे न्यूज़ पेपर, पोस्टर, बैनर के मदद से मार्केटिंग की जाती हैं । वही डिजिटल मार्केटिंग में डिजिटल मीडिया जैसे सोशल मीडिया, वेबसाइट के साथ मार्केटिंग की जाती हैं ।

आजकल 1.9 Billions लोग इंटरनेट पर एक्टिव हैं । कुछ लोग अपना सारा टाइम सोशल मीडिया पर बिताना पसंद करते हैं । आज इंटरनेट एक काफी बड़ा मार्केट हैं । जहाँ लोग औसतन 2-3 घंटे /दिन इंटरनेट पर व्यतीत करते हैं । Corona काल मे Education भी इंटरनेट के माध्यम से दी जाती थी ।

डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग दोनों एक ही सीके के दो पहलू हैं । दोनों तरीके के अपने अपने Positive or Negative Point हैं ।

डिजिटल मार्केटिंग मे हम अपने ग्राहक को Custom कर सकते हैं । Age तय की जा सकती हैं, Interest चेक कर सकते हैं, लोकैशन को भी Select कर सकते हैं । यह सारे option हमारे पास उपलब्ध हैं । हम पहले ही अपनी टारगेट Audience सिलेक्ट कर सकते हैं ।

कोई कंपनी जो Course बनाती हैं । तो उसे मार्केटिंग करने के लिए टार्गेटेड लोगो की जरुरत हैं । जो Course से सम्बंथित कार्य करना चाहते है क्यूंकि Course की जरुरत हर किसी को नहीं होती हैं । तो उसके लिए वह डिजिटल मार्केटिंग से अपनी टारगेट Audience सिलेक्ट कर सकते है ।

निष्कर्ष (Conclusion)

यह Content ट्रेडिशनल मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग मे क्या अंतर हैं । इसके ऊपर आधारित हैं । ट्रेडिशनल मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग दोनों ही एक सीके पहलू हैं । दोनों का अपना अपना महत्व हैं । ट्रेडिशनल मार्केटिंग बहुत मेंहगा और डिजिटल मार्केटिंग सस्ता साबित हो रहा हैं । ट्रेडिशनल मार्केटिंग एक सीमित जगह पर की जा सकती हैं । किसी और देश मे प्रचार करना नामुमकिन हैं । वही डिजिटल मार्केटिंग हम सारी दुनिया मे कर सकते हैं । आजकल डिजिटल मार्केटिंग से कम समय मे ज़्यादा लोगों तक पहुच कर व्यापार को बढ़ाया जा सकता हैं । इसके उपयोग से सभी लोग आय के नए-नए तरीके निकाल कर अपने जीवन मे पैसों की समस्या को दूर कर सकते हैं ।

Digital Shimla आशा करती हैं की आपको यह कंटेन्ट पसंद आया होगा। हमने अपनी तरफ से आपको Traditional Marketing और Digital Marketing से सम्बंधित पूरी जानकारी देने की कोशिश की हैं । इस कंटेन्ट से सम्बंधित सुझाव आप कमेंट करके बता सकते हैं । पूरी जानकारी पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । आशा करते हैं की आप भी डिजिटल मार्केटिंग से प्रभावित हुए होंगे ।

मनु वर्मा – डिजिटल शिमला। (Manu Verma – Digital Shimla)